स्वयंवर या ईश्वर के फैसले का मज़ाक...?

संगीता गुप्ता
रिश्ते तो आसमान से बनके आते हैं। किसकी शादी किससे होगी, कैसे होगी, कहाँ होगी? यह सब कुछ तो नियति ने पहले ही तय कर दिया होता है। जब शादी का समय आता है तो माँ-बाप को अपने बच्चों के लिए ज्यादा छानबीन नहीं करनी पड़ती, कि अपनी बेटी के लिये किसे सबसे अच्छा वर माने या कैसे अच्छे से अच्छा कुटुंब तलाशे....? क्योंकि हम सब जानते है, कि ईश्वर ने कहीं न कहीं हर किसी के लिए कोई न कोई जीवनसाथी ज़रूर बनाया है।लेकिन आज नियति के फैसले का मज़ाक उड़ाने में हमने कोई कसर नही छोड़ी है। आज के दौर में स्वयंवर जैसी परम्पराओ के चलन दोबारा करके शादी-ब्याह को भददा लतीफा बनाया जा रहा है। पहले एनडीटीवी इमेजिन पर प्रसारित हुए राखी के स्वयंवर ने लोगो का काफी मनोरंजन किया। जिसमे राखी ने टोरंटो के इलेश परुजनवाला को अपना वर चुना। लेकिन सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार दोनों में सगाई के बाद अलग हो जाने की ख़बर चर्चा में है।राखी ने विचार, पसंद और पारिवारिक तालमेल के सही न बैठने को अलग होने का कारण बताया है। इसके बाद स्टार प्लस पर चल रहे परफेक्ट ब्राइड को ले लीजिये, इस रियलिटी शो में दस कन्याये और पांच कुंवारों की गुफ्तगू को परोसा जा रहा है। जिसको लेकर कन्याओं और कुंवर का आपस में कोई न कोई मतभेद होता ही रहता है। साथ ही रिश्तों के पारखी बने शेखर सुमन, अमृता राव और मलाइका अरोरा खान को ये रिश्तों की नजदीकियां बढ़ाने के तरीके लगते है, ऐसे में परफेक्ट ब्राइड मिले न मिले शो की टी आर पी ज़रूर बढ़ जाती है... लोग नाम और शोहरत कमाने के लिये क्या कुछ नहीं कर रहे है। इस शो के अन्तिम चरण के विजेताओं की एक सफल और शादीशुदा ज़िन्दगी की गारंटी कौन लेगा....? अब तो मनपसंद बहू चुनने में होने वाली स्पर्धा में सास भी पीछे नहीं हट रही है। ताकि भविष्य में होने वाली सास-बहू की नोंक झोंक में अभी के शो की बातों का ताना मारने से पीछे न रह जाए। अश्लीलता और रुसवाई के नाम पर इन दोनों शो में अभद्रता के नाम पर कोई कसर बाकी छोड़ दी थी जो अब राहुल महाजन भी अपने लिये एक बार फ़िर सुशील कन्या चुनने के लिये स्वयंवर पार्ट -२ लेकर अश्लीलता के अखाड़े में कदम रख रहे है। ये वही राहुल महाजन है, जिन्होंने बिग बॉस नाम के एक रियलिटी शो में अपनी पहली शादी के टूटने का कारण बनी अपनी महिला मित्र पायल रस्तोगी के साथ शो के द्वारा परोसी गई अश्लीलता को और बढ़ावा दिया था। फ़िर पायल के निकल जाने पर मोनिका बेदी का दामन थाम लिया था। साथ ही शादी के सपने भी सजा लिये थे और टीआरपी में चार चाँद लगा दिए थे। साथ ही इस शो के ख़त्म हो जाने के तुरंत बाद मोनिका को केवल दोस्त का नाम देकर अपना पल्ला झाड़ने में बिलकुल देरी नहीं की थी। फ़िर इस बात का यकीन कैसे किया जा सकता है, कि अब इस स्वयंवर द्वारा चुनी गई कन्या का साथ ज़िन्दगी भर पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगे। शादी का रिश्ता विश्वास और ईमानदारी की बुनियाद पर टिकता है। लेकिन यहाँ तो पहले से ही इस बुनियाद को हिला कर रख देने वाली सोलह हज़ार दो सौ पच्चीस कन्यायो की गिनती हो चुकी है। साथ ही शो पर होने वाली रंगरेलिया और शोहरत कमाने के हथकंडे आगे जाकर विश्वास के आधार तक को बनने के लिए काफी होंगे...? क्यों हम भूल जाते है की नियति के नियमो के पालन न करके और ईश्वर के किए गए फैसले के अपमान करके हमें कुछ हासिल नहीं होगा। बात बात भड़क उठने वाला हिंदू समाज हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठा है? क्या उसे हिंदू धर्म का उड़ता हुआ मज़ाक दिखाई नही दे रहा है? हिंदू संगठन अपनी आँखे बंद किए क्या अपने उत्तरदायित्वों को ढंग से ना निभाने पाने की स्थिति को साबित नही कर रहे है। यह कन्याये जो आज शरीर को ढकने से ज्यादा उसके प्रदर्शन में विश्वास करती है, क्या इनसे किसी भी कुल की मान मर्यादाओ और घर की इज्ज़त को कायम रखने की आशा मात्र भी की जा सकती है....? हर घर सीता जैसी सुशील बहु की कामना करता है। लेकिन इसे सीता की पदवी तो क्या उनके नाम से भी नही नवाजा जा सकता। नारी का अमूल्य गहना होती है उसकी आँखों की हया और तन को ढक कर रखी जाने वाली लज्जा। लेकिन इनसे इनकी कामना करना तो क्या ऐसा सोचना भी पाप है। कब जागेगा समाज और कब जागेंगे हम............. सब्र की अग्नि परीक्षा से गुजर जाने के बाद या पानी के सर से ऊपर चले जाने के बाद ....? इन रियलिटी शो में जो कन्यायें हार जाएगी क्या उन्हें कोई भी घर या परिवार क्या बहु के रूप में स्वीकार कर पायेगा? तो फिर ये सब कुछ जो यहाँ ये लड़कियां कर रही हैं इन्हे कौन रोकेगा...? ऐसे में एक सभ्य और कीर्तिमान भारत की कामना करना ग़लत है।

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